Prostate cancer (गदूद ग्रंथि) के लक्षण, कारण और इलाज


गदूद ग्रंथि ज्ञानी प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों की प्रजनन तंत्र का भाग होती है| पेशाब की थैली के निचले हिस्से में स्थित होती है|  इसका कार्य पेशाब के प्रभाव नियंत्रण करना होता है|

प्रोस्टेट समस्याओं का काफी आम देखी जाती है, जैसे उम्र बढ़ती है पुरुषों में इससे संबंधित समस्याएं भी होने लगती है जाहिर तौर पर यह जानने की जरूरत है कि कब इसके लक्षणों को नजर-अंदाज नहीं करना है करना है| प्रोस्टेट ग्रंथि संबंधित विशेषताओं विशेषज्ञों को दिखाने की| इसके विषय में जानकारी बहुत आवश्यकता है क्योंकि पोस्टेड संबंधित एक बड़ी बीमारी पोस्टेड कैंसर की जब बात आती है| तो इस से लेकर काफी डर और चिंता है एवं विशेषज्ञ के अनुसार जागरूकता का अभाव होने की वजह से काफी देर में मामले सामने आते हैं| तो आज हम जानेंगे कि किस तरह से यह ग्रंथि कार्य करती है और कौन-कौन सी समस्याएं प्रोस्टेट से संबंधित किसी भी पुरुष उसको हो सकती है|

आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ साथ पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या होने लगती है जो गदूद ग्रंथि ज्ञानी प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों की प्रजनन तंत्र का भाग होती है| पेशाब की थैली के निचले हिस्से में स्थित होती है|
इसका कार्य पेशाब के प्रभाव नियंत्रण करना होता है| उसमें उम्र बढ़ने के साथ साथ ही प्रोस्टेट ग्रंथि भी बढ़ने लगती है जो एक सामान्य बात है क्योंकि पुरुषों की मूत्र नली का कुछ हिस्सा प्रोस्टेट ग्रंथि के बीच से होकर निकलता है इसलिए प्रोस्टेट का आकार बढ़ने की वजह से मूत्र नली सिकुड़ जाती है| जिससे पेशाब के रास्ते में रुकावट आती है और कई तरह की समस्याओं लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं गदूद  में बनने के अलावा प्रोस्टेट और कैंसर प्रोस्टेट भी में होने वाली समस्याएं हैं| प्रोस्टेट कम उम्र के पुरुषों में अधिक होता है जबकि कैंसर प्रोस्टेट 8 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में देखा जाता है| प्रोस्टेट कैंसर होने का प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं का समूह बन जाता है जो सामान्य रूप से बढ़ता है| फिर यह ग्रंथि में फैल जाता है जो प्रोस्टेट के ऊतकों को नष्ट करने करने लगता है|

प्रोस्टेट कैंसर की पहचान (लक्षण)

कैंसर प्रोस्टेट के अधिकतर मामले देर से सामने आते हैं जिस जिससे इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है| जरूरी है प्रोस्टेट की समस्याओं को जल्द पहचान हो और तुरंत इलाज करवाया जाए| पेशाब करने में समस्या टेस्टिकल्स में बदलाव पेशाब के साथ खून निकलना या पस निकलना दर्द होना वजन कम होना थकान और बुखार आना|

  • मूत्र की एक स्थिर धारा शुरू करने और बनाए रखने में कठिनाई
  • मूत्र की ड्रिब्लिंग
  • रात में अत्यधिक पेशाब
  • लगातार पेशाब
  • मूत्र पेश करने और लीक करने
  • मूत्र प्रतिधारण
  • कमजोर मूत्र प्रवाह

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज चरण पर निर्भर करता है, कुछ प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इनमें से कुछ मामलों में, निगरानी की सिफारिश की जाती है। अन्य प्रकार आक्रामक हैं और विकिरण, सर्जरी, हार्मोन थेरेपी, कीमोथेरेपी या अन्य उपचार की आवश्यकता होती है।

  • Particle therapy
  • Tele therapy
  • Brachy therapy
  • Radiation therapy
  • प्रॉस्टेट बायोप्सी

प्राथमिक देखभाल 

विशेषज्ञ की सहमति से नहाने से पहले 15 मिनट तक गर्म पानी में बैठने से काफी राहत मिलती है. लंबे समय तक करने से यह बीमारी दूर भी हो सकती है

जल्द पहचान कर सही समय पर इलाज करवाया जाए तो प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह से ठीक कर व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है|

जल्द पहचान कर सही समय पर इलाज करवाया जाए तो प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह से ठीक कर व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है|

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Semen Analysis - शुक्राणु विश्लेषण के परिणाम को समझे

एंडोरा मास के फायदे और नुकसान? Endura Mass Weight Gainer Review

अल्ट्रासाउंड स्कैन / सोनोग्राफी क्या है? सोनोग्राफी के बारे में पूरी जानकारी