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अल्ट्रासाउंड स्कैन / सोनोग्राफी क्या है? सोनोग्राफी के बारे में पूरी जानकारी

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सोनोग्राफी यह अल्ट्रासाउंड non इमेजिंग तकनीक है, जिससे हाई फ्रिकवेंसी ध्वनि तरंगों की मदद से शरीर के आंतरिक भागों को देखा जाता है. आमतौर पर सोनोग्राफी शरीर के आंतरिक अंग देखने के लिए उपयोग किया जाता है. इसके अलावा शरीर में जमे पानी को ट्रेन करने के के लिए भी अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी की जरूरत पड़ती है. यदि रोगी को एफएनएसी अथवा नीडल बायोप्सी के सैंपल की आवश्यकता हो तब भी कभी-कभी अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती है. सोनोग्राफी टेस्ट कैसे किया जाता है शरीर के किस अंग की जांच करनी हो उस पर Gel लगाया जाता है. उसके बाद अंग को देखने के लिए हाथ में पकड़े हुए प्रोब की मदद से इसे रगड़ा जाता है. आमतौर पर इस टेस्ट के दौरान किसी किस्म का दर्द का अनुभव नहीं होता है. लेकिन Gel लगाने से ठंडा ठंडा महसूस हो सकता है. यदि रोगी का एफएनएसी अथवा बायोप्सी का सैंपल लेते समय दर्द हो सकता है. इस टेस्ट करने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है यह टेस्ट कम से कम टेस्ट से हमें क्या जानकारी मिलती है रोड का आकार लोड का आकार पे लिवर पेनक्रियाज किला से और ओपन इसकी जानकारी से ले सकते हैं किडनी और मुद्रा से की जानकारी इस टेस्ट से क...

भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, राजनीतिक सफर, विचार और चिंतन

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Image Source twitter युगो युगो में कोई ऐसा शख्सियत पैदा होता है जिनके विचारों का देश और समाज पर गहरा असर पड़ता है.  उनके विचार से समाज और युग में क्रांतिकारी बदलाव हो जाते हैं. ऐसे ही युग पुरुष भारत रतन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 1891 मध्य प्रदेश के महू में पैदा हुए, बाबा साहेब का बचपन शोषण पीड़ा और भेदभाव में गुजरा लेकिन उनके विचारों में अधिक असाधारण व्यक्तित्व के धनी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ना केवल राष्ट्र निर्माण में महत्व अतुल्य योगदान दिया. बल्कि अपनी प्रखर बुद्धि क्रांतिकारी विचारों से समाज की हर क्षेत्र में बदलाव के वाहक बने. उन्होंने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सोचने, धार्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और संवैधानिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके लिए पूरा देश उनका रीणी है. उन्होंने आजाद भारत का संविधान बनाने में अगवाई की और भारत के पहले कानून मंत्री बने वह दलितों के लिए लड़े, महिलाओं के लिए लड़े और सामाजिक आर्थिक बदलाव के बड़े वाहक बने| 20 वीं सदी में दुनिया के महानतम लोगों की सूची में आदर के साथ उनका नाम लिया जाता है. 6 दिसंबर उनका महापरिनिर्वाण दिवस मनाया ...

वृद्धावस्था में जीवन शैली को कैसे सुधारें

वृद्धावस्था में जीवन शैली आज हम बात करेंगे बढ़ती उम्र यानी वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों की यह मुद्दा हम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2011 जनगणना के अनुसार देश में 10 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिक है असल में बढ़ती उम्र के साथ-साथ हर व्यक्ति के मन में आशंका रहने लगती है कि बुढ़ापा आने वाला है कुछ बदलाव तो उम्र के साथ होते हैं लेकिन खराब जीवनशैली तथा शारीरिक अभाव में व्यक्ति कुछ समस्याओं को खुद निमंत्रण देता है. बढ़ती उम्र में कुछ मानसिक तथा कुछ शारीरिक समस्या व्यक्ति को परेशान करती है भावना तत्मक तौर भी व्यक्ति स्वयं को बहुत कमजोर महसूस करता है छोटी-छोटी बातों पर बुरा मानना बार-बार बातों को दोहराना स्वयं अपेक्षित महसूस करना अकेलापन तथा स्वयं को दूसरों पर आश्रित महसूस करता है इसकी बहुत बड़ी वजह है संयुक्त परिवार का अभाव भौतिक चकाचौंध पैसों को महत्व महत्व देना दो पीढ़ियों के विचारों में अंतर समय का अभाव तथा बच्चों का बड़ों के प्रति लगाव की कमी होना इसकी वजह है सारणिक दुर्लभता के कारण बुढ़ापे में हड्डी मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है. हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग कैंसर आंखों की ...

Indian Navy Day नौसेना दिवस 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

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4 दिसंबर 1973 को पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान  नौसेना ने युद्ध साहस और भारत की जीत का जशन बनाने के लिए हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है. पाकिस्तान सेना द्वारा किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने ऑपरेशन ट्राइडेंट जलाया था. इस युद्ध में भारतीय युद्धपोत ओं ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पश्चिमी तट पाकिस्तान की कार्रवाई को निशाना बनाया था. यह दिन शांति काल समुद्री सीमा को सुरक्षित रखने और मानवीय सहायता अभियानों में नौसेना की भूमिका को उजागर करने के लिए भी मनाया जाता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर नौसेना को शुभकामनाएं दी है और राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना के नौसैनिकों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। हमारी समुद्री सरहदों और व्यापारिक जलमार्गों की सुरक्षा तथा आपदाओं के समय देशवासियों की सहायता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के लिए देश को आप पर नाज है — राष्ट्रपति कोविन्द — President of India (@rashtrapatibhvn) December 4, 2018 उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नौसेना दिवस पर नौसेना कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को बधाई द...

भारत में पेट्रोल पंप खोलने की पूरी प्रक्रिया क्या है?

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अगर आप पेट्रोल पंप खोलने के इच्छुक है, अपना खुद का पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है क्योंकि पेट्रोल पंप कंपनियों ने 2019 के आखिर तक नए 65000 पेट्रोल पंप खोलने का टारगेट रखा है. जिसके बाद से हमारे देश में पेट्रोल पंप की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. पेट्रोल पंप लाइसेंस योग्यता पेट्रोल पंप खोलने की योग्यता पेट्रोल पंप खोलने के लिए सिर्फ तीन योग्यता ही आवश्यक होती है जिसमें भारतीय नागरिकता, 18 से 60 साल के बीच में उम्र और किसी भी भारतीय शिक्षा संस्थान से 12th पास होना चाहिए. जमीन की जरूरत जमीन की जरूरत पेट्रोल पंप खोलने के लिए सबसे जरूरी जमीन ही है. अगर आपके पास अपने नाम पर कोई जमीन नहीं है तो आप किराए पर जमीन ले सकते हैं. इसके लिए जमीन के मालिक से एनओसी सर्टिफिकेट लेना होता है. अगर आपके पास अपनी या अपने रिश्तेदार की किसी जमीन है तो आप पेट्रोल पंप की डीलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. राज्य सड़क 1200 से 1600 शहरी सड़क सड़क में 18 वर्ग मीटर कम से कम जमीन होनी चाहिए आवेदन कैसे करें पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं इसके ल...

Eosinophil काउंट क्या है? एलर्जी, संक्रमण के लिए रक्त परीक्षण

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ल्यूकोसाइट और इओसिनोफिलिया यह रक्त में पाई जाने वाली सफेद कोशिका होती है. यह कोशिकाएं हमारे शरीर का बचाव करती है किसी भी तरह का बैक्टीरिया वायरस पैरासाइट यदि हमारे शरीर में आ जाते हैं. तो यह कोशिकाएं उनको खत्म कर हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. इओसिनोफिलिया अनोखी खास किस्म के ल्यूकोसाइट होते हैं. जो कि हमारे शरीर को एनर्जी और पैरासाइट से बचाते हैं.  डॉक्टर यह टेस्ट करवाने के लिए क्यों कहते हैं जब भी डॉक्टर को आशंका होती है कि रोगी  कोई एलर्जीक बीमारी है जैसे अस्थमा त्वचा की एलर्जी तो यह एप्स लूट ही सुनो रक्त टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं.  यह टेस्ट कैसे किया जाता है? इसके इसके लिए रक्त का नमूना लिया जाता है जो कि रोगी के बाजू से लिया जाता है. टेस्ट के लिए किसी खास तरह की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है. रक्त नमूना रोगी की सुविधा के अनुसार किसी भी वक्त लिया जा सकता है इओसिनोफिलिया अकाउंट ज्यादा होने के कारण इओसिनोफिलिया अकाउंट एलर्जीक बीमारियों में बढ़ जाता है जैसे अस्तमा बुखार त्वचा की एलर्जी से इसके अलावा यदि रोगी को संक्रमण हो तो इओसिनोफिलिया...

ब्रेस्ट फीडिंग कराने का सही तरीका क्या है?

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बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करआते वक्त कई बार दूध फूड पाइप के बजाय विंड पाइप में चला जाता है और विंड पाइप से फेफड़ों में चला जाता है जिससे बच्चों पर खतरा बढ़ जाता है. तो ब्रेस्ट फीडिंग कराने का सही तरीका जानना बहुत आवश्यक है. गर्भवती महिलाओं की देखभाल एवं सावधानियां अल्ट्रासाउंड स्कैन / सोनोग्राफी क्या है? पुरुषो ओर औरतों की छाती से जुड़े रोचक तथ्य ब्रेस्ट फीडिंग कराने का सही तरीका क्या है?   यह जांच लें कि बच्चे का सिर और शरीर एक से एक सिद  में ना हो  सर को थोड़ा उठा कर रखना बेहतर होता है  बच्चे भूखे होने पर तेजी से दूध पीते हैं ऐसे में खास ख्याल रखें की खस्ता / खांसी ना आए  दूध पिलाने वाली मां का कंफर्टेबल होना जरूरी है  बच्चे की गर्दन कंधे और पीठ को अपने हाथ का सहारा दे  ब्रेस्ट फीडिंग कराने के लिए बच्चे को की और झुके नहीं  बच्चों को दूध पिलाने के बाद उसकी पीठ सहला दे  दूध पीने के बाद बच्चे का डकार लेना बेहतर होता है